हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर अल्लाह के आखिरी पैगम्बर रसूले ख़ुदा हज़रत मोहम्मद मुस्तफा साहब व दूसरे इमाम हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत की याद में देर रात्रि में जुलूस नक़ी फाटक से उठा इमामबाड़ा नकी फाटक में मजलिस हुई।
जिसमें सोज़ख्वानी मो. अब्बास काज़मी ने अपने साथियों के साथ किया पेशख्वानी हेजाब इमामपुरी व साहेबरज़ा ने किया मजलिस को धर्मगुरु मौलाना महफूज़ुल हसन खां ने सम्बोधित करते हुए पैगम्बरे इस्लाम मोहम्मद साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मोहम्मद साहब ने पूरी दुनिया को न सिर्फ शांति का संदेश दिया बल्कि अपने किरदार से दुनिया को अंधकार मुक्त बनाने का तरीका भी बताया। आगे उन्होंने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब का दुनिया में आने का मकसद लोगों में भाईचारा व मोहब्बत का पैगाम देना था।
मोहम्मद साहब ने पैगाम दिया है कि मोहब्बत से जीना ही जिंदगी है दूसरों के बुरे समय में मददगार बनने वाला अल्लाह का नेक बंदा होता है बाद खत्म मजलिस शबीहे अलम निकाला गया। उसके बाद नकी फाटक के सामने हुसैनिया मस्जिद पर मौलाना सैय्यद ताबिश हसन नक़वी ने तकरीर करते हुए हज़रत इमाम हसन की शहादत का वाक़या पढ़ा और बताया कि इमाम को ज़हर देकर शहीद किया गया इस मौके पर उपस्थित मोमिनीन की आंखों से आंसू निकल पड़े